कुछ दिनों से सोशल मीडिया वेब पोर्टल और प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर खूब चर्चा हो रही है । सवाल इस बात का है की इस तरह की अफवाह का किसको फायदा मिलेगा । सूत्रों की माने तो भाजपा के एक बड़े नेता सीधे तौर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को चुनौती नहीं दे पा रहा है ,तो वह मुख्यमंत्री को कुछ मीडिया कर्मियों की मदद सारे नेतृत्व परिवर्तन की झूठी अफवाह चलाकर मुख्यमंत्री को चुनौती दे रहा है ।मीडिया का एक बड़ा धडा़ मुख्यमंत्री रावत के खिलाफ इन दिनों आक्रामक अंदाज में है । और त्रिवेंद्र के खिलाफ जहर उगर रहा है। हर रोज रावत की विदाई की झूठी खबरें सोशल मीडिया और वेब पोर्टल में के माध्यम से फैलाई जा रही है। इन आधारहीन खबरों का भले ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन राज्य में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल जरूर पनप रहा है। अभी कुछ दिन पूर्व खुद को एक वरिष्ठ पत्रकार का तमगा लिए एक पत्रकार ने तो एक साप्ताहिक पेपर के माध्यम से राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की तारीख तक तय कर दी थी ।चाटुकारिता की एक सीमा होती है।
सबको पता है जनाब आपका सीधा कनेक्शन किस नेता से है ।जो खुद राज्य में मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं । उनके चेहते भी यही चाहते हैं । राज्य बनने के बाद से ही इस प्रदेश में यह परंपरा रही है कि जो भी मुख्यमंत्री बना उसके खिलाफ एक बड़ा माहौल तैयार किया गया, तिवारी को छोड़कर कोई भी मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल को पूरा नहीं कर पाया ।तिवारी को भी कई बार 10 जनपद में दस्तक देनी पड़ी है ।लेकिन तिवारी के कद बहुत बड़ा था उनका कोई भी बाल भी बांका नहीं कर पाया। लेकिन उनकी सरकार भी इस तरह के माहौल से गुजर गई। नेतृत्व परिवर्तन से फायदा कम नुकसान अधिक हुआ। इस प्रदेश का दुर्भाग्य ही कहा जाए कि जो भी मुख्यमंत्री यहां काम करने के कुछ सोचे तब तक उसके खिलाफ माहौल उसको हटाने का माहौल तैयार किया जाता है । जो भी हो त्रिवेंद्र के खिलाफ ना तो कुछ विधायकों ने कोई बगावत है और ना ही कोई ऐसी संभावना है कि रावत सरकार के खिलाफ कोई ना तो कोई भी भ्रष्टाचार का मामला नहीं बनता है। ऐसे में नेतृत्व परिवर्तन की हवा क्यों और किस लिए फैलाई जा रही है ।यह एक यक्ष प्रश्न है आखिर किसको इसका फायदा होना है कौन झूठी अफवाह फैला रहे हैं । यह समझना होगा क्योंकि सोशल मीडिया में मुख्यमंत्री के नाम पर हर रोज नया नाम आ रहा है लेकिन वास्तविकता कुछ और है इन सब के पीछे एक बड़े नेता का हाथ है जो कई समय से राज्य के मुख्यमंत्री बनने का सपना संजोए है